कहाँ गया है खो वो लम्हा
जब वक्त ही वक्त था
जब एक लंबे दिन के बाद
एक लंबी शाम आती थी
और रात अगली सुबह की
चाह मे कट जाती थी
दोस्तों की बडी कतार एक छोटी सी जगह मे सिमट जाती थी
बिना किसी Mobile के ही
अपने दिल की बात दोस्तों तक पहुँच जाती थी |
© ikkumpal 2015
जब वक्त ही वक्त था
जब एक लंबे दिन के बाद
एक लंबी शाम आती थी
और रात अगली सुबह की
चाह मे कट जाती थी
दोस्तों की बडी कतार एक छोटी सी जगह मे सिमट जाती थी
बिना किसी Mobile के ही
अपने दिल की बात दोस्तों तक पहुँच जाती थी |
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